34वां कृषि मेला 21 से 24 सितंबर तक धारवाड़ के कृषि विज्ञान विश्वविद्यालय (यूएएस) में आयोजित किया जाएगा। इस वर्ष का विषय है ‘जलवायु परिवर्तन के प्रबंधन के लिए कृषि तकनीकें’। विश्वविद्यालय को चार दिवसीय मेले में लगभग 15 लाख आगंतुकों के आने की उम्मीद है।
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया 22 सितंबर को सुबह 10.30 बजे कृषि मेले का उद्घाटन करेंगे। वे सर्वश्रेष्ठ किसान और सर्वश्रेष्ठ किसान-महिला पुरस्कार प्रदान करेंगे। पहली बार, यूएएस किसानों को क्यूआर कोड का उपयोग करके अपना नाम पंजीकृत करने में सक्षम बनाएगा।
यूएएस के कुलपति पीएल पाटिल ने बताया कि इस वर्ष कृषि मेले का मुख्य उद्देश्य किसानों को जलवायु परिवर्तन के विभिन्न पहलुओं पर जानकारी प्रदान करना है। मेले में 150 हाईटेक, 214 इकोनॉमी, 110 कृषि मशीनरी, 27 ट्रैक्टर व अन्य भारी मशीनरी तथा 28 खाद्य स्टॉल सहित करीब 500 स्टॉल लगाए जाएंगे।
इनमें जलवायु परिवर्तन प्रबंधन के लिए फसल प्रणालियां, एकीकृत फसल प्रबंधन, जैव-उर्वरक और जैव-कीटनाशक, तिलहन, दलहन और रबी फसलों की तकनीक, वर्षा जल संचयन और भूजल पुनर्भरण, प्राकृतिक और जैविक खेती, मृदा संरक्षण, उच्च तकनीक बागवानी, फल और फूल प्रदर्शनी, कीटों की दुनिया, उन्नत कृषि उपकरण, किसान ड्रोन और अन्य मुद्दों पर चर्चा की जाएगी।
यूएएस ने जैव-उर्वरकों के बड़े पैमाने पर उत्पादन और बिक्री के लिए सरकार से लाइसेंस प्राप्त किया है। कृषि मेले के दौरान, पाउडर के रूप में 2,500 किलोग्राम विभिन्न प्रकार के जैव-उर्वरक, 2,625 लीटर तरल जैव-उर्वरक और 1,665 किलोग्राम जैव-कीटनाशक बिक्री के लिए उपलब्ध होंगे।
अभिनव उत्पादों और सेवाओं को प्रदर्शित करने के लिए एक स्टार्ट-अप मंडप भी होगा। प्रो. पाटिल के अनुसार, भारत सरकार के कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के आरकेवीवाई-नवाचार और कृषि-उद्यमिता कार्यक्रम के तहत समर्थित कर्नाटक, महाराष्ट्र और गुजरात के कुल 22 स्टार्टअप इसमें भाग लेंगे।
प्रकाशित – 16 सितंबर, 2024 10:06 पूर्वाह्न IST