कर्नाटक कृषि मूल्य आयोग के पूर्व अध्यक्ष प्रकाश कम्माराडी ने शनिवार, 20 अप्रैल को यहां कहा कि सरकार को खाद्यान्न फसलों के लिए कानूनी रूप से समर्थित न्यूनतम खरीद मूल्य की घोषणा करनी चाहिए तथा लोकसभा चुनाव लड़ रहे दो प्रमुख राजनीतिक दलों, कांग्रेस और भाजपा को इस पर अपनी प्रतिबद्धता स्पष्ट करनी चाहिए।
पत्रकारों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि 21 खाद्य फसलें हैं। अगर सरकार कानून के तहत न्यूनतम समर्थन मूल्य देकर उन्हें खरीदती है, तो उसे हर साल 5 लाख करोड़ रुपये आरक्षित करने पड़ सकते हैं। यह फंड केंद्र सरकार के लिए बहुत बड़ा बोझ नहीं होगा।
उन्होंने कहा कि किसान खाद्यान्न फसलों के लिए कानूनी समर्थन के साथ न्यूनतम समर्थन मूल्य की मांग कर रहे हैं। सरकार को उनकी मांग पूरी करनी चाहिए।
कांग्रेस ने अब वादा किया है कि वह कानूनी रूप से समर्थित न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की पेशकश करके खाद्य फसलों की खरीद करेगी। लेकिन अगर वह सरकार बनाती है तो यह एक वास्तविकता बननी चाहिए। भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने भी कहा है कि वह न्यूनतम समर्थन मूल्य की पेशकश करके कपास, ज्वार और दालों की खरीद करने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि कानूनी रूप से समर्थित एमएसपी की पेशकश करने की उसकी प्रतिबद्धता स्पष्ट होनी चाहिए।
उनकी अध्यक्षता वाले आयोग ने 2018 में कानूनी रूप से समर्थित एमएसपी पर एक रिपोर्ट सरकार को सौंपी थी।
अगर सरकार द्वारा एमएसपी देकर खरीदे गए अनाज का स्टॉक ज़्यादा है तो सरकार उसे कुपोषण से पीड़ित बच्चों और महिलाओं में बांट सकती है। उन्होंने कहा कि कानूनी तौर पर समर्थित एमएसपी योजना किसानों को अपनी उपज बेचते समय बिचौलियों के हस्तक्षेप से बचाती है।