कीड़ा जड़ी की खेती करने से किसान होते करोड़पति – सोना उगलती है यह फसल, 20 लख रुपए किलो है मशरूम की इस किस्म की कीमत

कीड़ा जड़ी जो एक प्रकार का मशरूम है जिसको यारशागुंबा मशरूम के नाम से जाना जाता है। यह मशरूम दिखने में कीड़े की तरह होता है इसलिए इसे कीड़ा जड़ी कहते हैं। इसकी लंबाई 2 इंच होती है और यह भूरे रंग का होता है। इस कीड़ा जड़ी की खेती करके किसान करोड़पति बन सकते हैं क्योंकि यह मशरूमो में एक सबसे महंगी वैरायटी होती है जिसकी खेती से किसानों को काफी मुनाफा होता है इसकी खेती पर्वतों पर होती है इसलिए इसको हिमालय वियार्गा के नाम से भी जाना जाता है। आईये इसकी खेती के बारे में हम आपको और जानकारी देते हैं।

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कीड़ा जड़ी की खेती वातावरण को ध्यान में रखते हुए की जाती है। इसके लिए हिमालय की घाटियों जैसा वातावरण होना चाहिए । इसलिए किसान इसकी खेती हिमालय पर्वत पर करते हैं। वैसे तो किसान कई प्रकार के मशरूम की फसल उगाते हैं जिनके दाम बाजार में लगभग 250 से 500 रूपये किलो होती है। लेकिन यहां बात कीड़ा जड़ी की खेती की हो रही है जिसकी कीमत की तुलना हजारों में ना करके लाखों में होती है। इस कीड़ा जड़ी के खेती करने से किसानों को बहुत ज्यादा फायदा होता है और सोच से भी ज्यादा आमदनी होती है क्योंकि इसकी कीमत 20 लख रुपए किलो होती है

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इटावा के किस कर रहे हैं कि कीड़ा जड़ी पर ध्यान और रहे कीड़ा जड़ी की खेती

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भारतीय किसान इसकी खेती हिमालय पर्वत पर करते हैं। क्योंकि कीड़ा जड़ी की खेती ऊंचे स्थान पर की जाती है जिसकी ऊंचाई लगभग 3500 मीटर हो सिर्फ भारत के किसान ही नहीं, नेपाल, तिब्बत, भूटान, चीन के किसान भी इसकी खेती करते हैं। ज्यादातर इसकी खेती उत्तराखंड के चमोली, पिथौरागढ़, बागेश्वर जिले में पाई जाती है। कीड़ा जड़ी से औषधीयां बनाई जाती है जिसमें कई बीमारियों का इलाज होता है, कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी के काम भी आती है।

इसकी खेती करने में लगभग लगते हैं लगभग 25 लाख तक रुपये लगते हैं और 3 महीने में 5 किलो की पहली फसल तैयार हो जाती है। इसको पाने की संभावना मईऔर जून में ज्यादा होती है। यह किसनो की आजीविका कमाने का एक बहुत ही शानदार तरीका है इससे रोजगार में भी वृद्धि होती है। इसकी मांग अधिक मात्रा में की जाती है विदेशो में इसकी कीमत 20 लख रुपए प्रति किलो है आप अंदाजा भी नहीं लगा सकते कि इसकी खेती करने से किसानों को बहुत मुनाफा होता है वह करोड़पति बन जाते हैं।

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एक ही लैब में एक वर्ष में तकरीबन छह बार की जा सकती है कीड़ा जड़ी की खेती

कीड़ा जड़ी जिसका वैज्ञानिक नाम Cordyceps Sinensis है। इसकी खेती महंगी होती है लेकिन जब भी सफल हो जाती है इसकी फसल बनकर तैयार हो जाती है तो यह सोना गलती है इसकी खेती करने के लिए एक लेफ्ट तैयार करना होता है और लैब में कई तरह के उपकरण की भी जरूरत पड़ती है जैसे की लैब का टेंपरेचर मेंटेन करने के लिए एसी लगाना पड़ता है तथा नमी बनाए रखने के लिए ह्यूमिडिटी पावर सिस्टम लगाना पड़ता है। आप इस लैब में 6 बार कीड़ा जड़ी की फसल तैयार कर सकते हैं इससे आपको लैब में लगाई हुई राशि की पूर्ति तो होगी और उससे कई गुना ज्यादा आपको मुनाफा भी होगा।

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