फिलीस्तीन में हुआ हमला, जिसमें एक बच्ची को किसी बुढे बुजुर्ग ने 26 बार चाकू मार कर हत्या की। उस बच्ची की उम्र सिर्फ मात्र 6 साल की थी जिस तारीख को हमला हुआ था 7 अक्टूबर 2023 थी इस तारीख को इतिहास के पन्नों में लिखा जाएगा अगर मिट भी गया लेकिन लोग इस हमले को कभी नहीं भूल सकते इसकी मौत के बाद से इजरायल और गांजा के लोगों ने एक ऐसा तांडव देखा जो आज तक न देखा होगा फिलिस्तीनियों द्वारा वापस दिए जाने वाले आक्रमण का जवाब गांजा को एक कब्रिस्तान बना दिया है जहां अनगिनत लासे और कफ़न है
गोलियों की गूंज ने दबा दी कॉल की आवाज नहीं मांग पाई बच्ची अपने लिए मदद
पीआरसीएस यानी की फिलिस्तीन रेड क्रीसेंट सोसायटी ने इसराइल ने जान पूछ कर एक एंबुलेंस को निशाना बनाने का आरोप लगाया और बताया कि कुछ घंटे तक गोलियों की आवाज गूंजती रही तब वही बच्ची फोन लगा रही थी लेकिन गोलियों की आवाज की वजह से फोन नहीं उठा इसके बाद आप लोग तो जानते हो उसे बच्ची के साथ क्या हुआ उसे बच्ची की लाश 12 दिन के बाद उनके रिश्तेदारों को मिली।
इस कहानी में बच्ची ने आखिरी दम तक लोगों से मदद की गुहार लगाई यह फिलिस्तीन की बच्ची हिंद रजाब की कहानी है जो सिर्फ 6 साल की थी जिसने आखरी दम तक अपनी जान बचाने के लिए लोगों से मदद मांगती रही और गुहार लगाती रही लेकिन अंत में वह एक लाश बन गई।
मदद के लिए लगाते रही गुहार, चीखें बयां कर रही थी उसका हाल
फिलिस्तीन की बच्ची हिंद रजाब की लाश उनके रिश्तेदारों को 12 दिनों के बाद मिली दिन शनिवार था युद्ध के हमले होने पर इजरायल द्वारा गोली चलाई जाने पर बच्ची ने गाजा के लोगों से मदद की पुकार लगाई उसने डेड लाइन पर फोन भी किया परिवार के पांच सदस्यों जो एंबुलेंस के साथ आ रहे थे तो इसराइल ने एम्बुलेंस पर निशाना लगाया जिसमें से परिवार के दो सदस्य मृत्यु हो गई साथ में एंबुलेंस कर्मियों की एंबुलेंस को पी आर सी एस यानी की फिलिस्तीन रेड क्रीसेंट सोसायटी की परमिशन मिलने के बावजूद भी एंबुलेंस पर निशाना लगाया गया
आखिरी वक्त तक बच्ची गुहार लगा रही थी मदद की
परिजनों को बच्ची के साथ चाचा – चाचा और तीन बच्चे जिनकी बॉडी एंबुलेंस में मिली एंबुलेंस की हालत बहुत खराब थी और साइड में टिकी एंबुलेंस जली हुई पीआरसी द्वारा एक फुटेज सोशल मीडिया पर वायरल किया गया जिसमें एंबुलेंस पर गोलियों के निशान बने हुए थे और पीआरसी द्वारा एक ऑडियो जारी किया गया जिसमें बच्ची बचाने के लिए गुहार लगाती हुई मदद मांग रही थी और साथ में गोलियों की आवाज भी आ रही थी इजरायली की टीम मदद करती मगर हालातो से मजबूर थी जिनके सामने कई मु्श्किलें आई जिनका उन्हें डट कर सामना करना पड़ा।