केंद्र सरकार के प्रस्तावों को ठुकराया किसान संगठन ने। दिल्ली चलो प्रोटेस्ट हुआ फिर शुरू।

किसानों के आंदोलन के बारे में आप सब तो जानते ही होंगे। हाल ही में बीते गुरुवार को पंजाब हरियाणा के किसान ‘भारत बंद’ आंदोलन करने दिल्ली कूच के लिए तैयार थे जिसके बाद दिल्ली पुलिस फोर्स से उन्होंने दिल्ली में घुसने ही नहीं दिया जिसके चलते केंद्र सरकार और किसान संगठन के बीच चौथे दौर की बैठक हुई जिसमें केंद्र सरकार ने किसान संगठन के सामने कुछ नए प्रस्ताव रखे थे। जिस पर किसान संगठन के नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा था कि वह 20 फरवरी तक इस प्रस्ताव पर अपना फैसला सुनाएंगे। जिसके बाद किसान संगठन के नेता सरवन सिंह ने अपना फैसला सुना दिया और फैसले के बाद फिर से वही सब शुरू हो गया जो इतने सालों से चलता आ रहा है। किसानों की मांगें सरकार पूरी नहीं कर पा रही है और सरकार के प्रस्ताव किसान मानने को तैयार नहीं हैं। आइए जानते हैं क्या फैसला सुनाया है सरवन सिंह पंढेर ने।

किसान संगठन की केंद्र सरकार के मंत्रियों से हुई चौथी बैठक भी बेनतीजा निकली। हरियाणा के शंभू बॉर्डर पर किसान संगठनों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की जिसमें उन्होंने केंद्र सरकार के प्रस्तावों को खारिज कर दिया है । केंद्र सरकार से बातचीत के बाद अगले दिन यानी 19 फरवरी को किसान संगठन ने कहा कि हमने सरकार के प्रस्तावों पर बैठक में चर्चा की और जो सरकार ने प्रस्ताव दिया है, अगर उसको ध्यान से देखा जाए तो उसमें कुछ खास नज़र नहीं आ रहा है। किसान संगठन का कहना है कि एमएसपी से सरकार पर बोझ नहीं पड़ेगा। किसान संगठन ने और भी बातें कहते हुए सरकार के इस प्रस्ताव को खारिज किया है। किसान संगठन अपनी बात पर ही अड़ा है और फिर से किसान संगठन ने अपना आंदोलन शुरू कर दिया है।

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किसान संगठन की ओर से कहा गया है कि एमएसपी से सरकार पर किसी तरह का बोझ नहीं पड़ रहा है। किसान आंदोलन में शामिल संगठनों ने केंद्र सरकार के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है । किसान संगठन ने कहा है कि हमें सरकार का यह प्रस्ताव मंज़ूर नहीं है। किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि केंद्र सरकार पूरे देश की 23 फसलों पर एमएसपी (MSP) लागू करें। सरवन सिंह ने कहा कि सरकार ने जो यह प्रस्ताव दिया है, वो किसानों के हित में नहीं है और इस प्रस्ताव को हम रद्द करते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार की नियत में खोट है…. और हम सिर्फ इतना चाहते हैं कि हमे एमएसपी (MSP) पर गारंटी दी जाए।

किसान नेता सरवन सिंह ने सरकार की और भी बातें खोली हैं। सरवन सिंह ने कहा कि हम जब बैठक में जाते हैं तो केंद्र सरकार के मंत्री 3 3 घंटे बाद तो आते हैं। और सरकार के मंत्रियों की तरफ से इस तरह के व्यवहार से साफ ज़ाहिर होता है कि भारत सरकार किसानों के मुद्दे को लेकर कितनी चिंतित है और गंभीर हैं। और अपनी बात कहते हुए सरवन सिंह ने यह भी साफ बोल दिया था कि 21 फरवरी को 11 बजे किसान बिल्कुल शांतिपूर्ण तरीके से दिल्ली कूच को फिर से कोशिश करेंगे। किसान संगठन के प्रस्ताव खारिज करने के बाद अब किसानों के लिए और भी मुश्किल खड़ी हो सकती है।

हम आपको बता दें कि किसान हरियाणा के बॉर्डर पर लगातार धरने पर डटे हुए हैं। और सबसे बुरी बात इसमें यह है कि किसान आंदोलन में अब तक 4 लोगों की मौत हो चुकी है जिसमें 3 किसान शामिल हैं और 1 जीआरपी इंस्पेक्टर शामिल हैं। और हरियाणा के सात सात जिलों में भी 20 फरवरी तक इंटरनेट सर्विस को बैन कर दिया गया था। और जैसा कि आप सब जानते हैं कि आज कल बिना इंटरनेट के कितनी परेशानी होती है युवाओं को और अगर कुछ दिन तक इंटरनेट ही बैन कर दिया जाए तो सोचिए कितनी परेशानी का सामना करना पड़ा होगा लोगों को। अब देखना ये है कि किसान आंदोलन कब तक चलता है और इसका क्या परिणाम होगा

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