5 लाख जवानों के आगे नहीं टिक पाई 4 गुना बड़ी सेना। यूक्रेन–रूस युद्ध अभी भी है जारी।

यूक्रेन–रूस युद्ध अभी तक जारी है। इस युद्ध की वजह से लाखों लोगों ने अपनी जान दी है और पूरे के पूरे परिवार तबाह हुए हैं। तो दोस्तों हम आपको बता दें कि यूक्रेन–रूस युद्ध को अब 2 साल भी पूरे हो गए हैं। 24 फरवरी 2024 को इस युद्ध को चलते चलते 2 साल भी पूरे हो चुके हैं और अब यह तीसरे साल की ओर भी प्रवेश कर चुका है । लेकिन युद्ध है कि अभी भी खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। इस युद्ध में शहरों के शहर तबाह हो गए हैं लेकिन यूक्रेनी सेना की दात देना पड़ेगी। संख्या में कम होने के बावजूद भी वह रूसी सेना के सामने डट कर खड़े हैं। यूक्रेन ने अपने बलबूते और अमेरिका की मदद की वजह से अभी तक रूस के लाखों जवानों को ढेर किया है और अपने घुटने अभी तक नहीं टिकाए हैं। इस युद्ध में अमेरिका का भी बहुत बड़ा हाथ है। अगर अमेरिका यूक्रेन की मदद ना करता तो शायद यूक्रेन को अपने घुटने टेकने पड़ सकते थे रूस के सामने। आइए इसके बारे में पूरी बात जानते हैं।

तो दोस्तों जैसा कि आप सब जानते ही हैं, आए दिन हमें यूक्रेन रूस के युद्ध से जुड़ी खबर मिलती ही रहती है। आए दिन हमें देखने को मिलता है कि यूक्रेन में लोग मर रहे हैं। वो कहते हैं ना कि गेहूं के साथ घुन भी पिस्ता ही है, तो वैसा ही कुछ जनता के साथ होता है। दो देश की जब लड़ाई होती है तो नुकसान सबसे ज़्यादा जनता का ही होता है। देश को तबाह करने के लिए सैनिक देश के मासूम सी जनता को ही मारते हैं, जिसमें उनका कोई कुसूर भी नहीं होता है। बेरहमी से वे लोग मासूम मासूम से बच्चों पर भी रहम नहीं खाते हैं। तो ऐसा ही कुछ हमें यूक्रेन रूस युद्ध में भी देखने को मिला है। रूस ने यूक्रेन पर बड़ी बड़ी मिसाइलें बरसाई हैं जिसकी वजह से पूरे शहर के शहर तबाह हुए हैं। और अगर यूक्रेन को अमेरिका की मदद नहीं मिलती तो शायद अभी तक यह युद्ध जारी नहीं रहता और यूक्रेन बहुत जल्द तबाह हो जाता।

यह भी पढ़ें  दिल्ली में किसानों का आज ‘भारत बंद’। नहीं दिखेगा अब दिल्ली में किसानों के ‘भारत बंद’ का असर।

जैसा कि आप जानते हैं कि कोई भी देश हो, उसकी सैन्य ताकत सबसे ज़्यादा मायने रखती है और अगर उस देश की सेना कमज़ोर होगी तो वो देश ज़्यादा किसी से नहीं लड़ सकता है। लेकिन यूक्रेन के जवानों की दात देने पड़ेगी। संख्या में कम होने के बावजूद भी वह अभी तक रूसी सेना के सामने डट कर खड़े हैं। तो हम आपको बता दें कि यूक्रेनी सेना की संख्या करीबन 5 लाख है। जहां, रूसी सेना की संख्या यूक्रेनी सेना से 4 गुना बड़ी है। लेकिन संख्या से कोई फर्क नहीं पड़ता है, जैसे कि हमने बात करी कि ताकत और जज़्बा सबसे ज़्यादा मायने रखता है। और यही ताकत लगन अपने देश के लिए यूक्रेनी सेना ने दिखाई है। वह हर हाल में अपने देश के लिए बराबर डट कर खड़े हैं।

रूसी सेना यूक्रेनी सेना से संख्या में 4 गुना अधिक होने के बाद भी उनको ढेर नहीं कर पाई लेकिन रूस ने अपने दूसरे तरीकों से तो यूक्रेन को काफी तबाह किया है। हम आपको बता दें कि रूस हैकिंग के मामले में बहुत तेज़ है। और अपने इस साइबर अटैक से रूस ने यूक्रेन को काफी बर्बाद किया है। जहां रूस ताकत से यूक्रेन को ढेर नहीं कर पा रहा था। वहीं, रूस ने अपने साइबर अटैक से यूक्रेन के कारोबार को ठप किया है। कहा जाता है कि रूस को हैकिंग मामलों में महारत हासिल है और अपनी इसी महारत की वजह से रूस ने यूक्रेन सरकार की तमाम वेबसाइट्स को भी हैक कर लिया था और यूक्रेन को कारोबार को ठप करने में इसने अहम भूमिका निभाई है।

यह भी पढ़ें  JCB का असली नाम क्या है? आखिर यह पीले रंग की ही क्यों होती है, क्या है इसके रंग की वजह ?

रूस ने इस साइबर अटैक की वजह से जमीनी युद्ध को आगे बढ़ने में काफी आसानी हुई थी लेकिन यूक्रेन भी पीछे हटने वालों में से कहां है। यूक्रेन ने भी साइबर स्पेस की मदद से काफी जानकारी हासिल की थी। साइबर स्पेस की मदद से युद्ध के मैदान में कनेक्टिविटी, सपोर्ट इंटेलिजेंस, और जानकारियों के आदान प्रदान को इंटरसेप्ट करके अहम जानकारियों को इकट्ठा किया जा सकता है। जिससे युद्ध के काफी मदद हो सकती है। हम आपको बता दें कि साल 2022 सितंबर में यूक्रेन ने सार्वजनिक रूप से जो फंड इकट्ठा किया था उसकी मदद से रडार सैटेलाइट खरीदे थे। रडार सैटेलाइट का मदद से सेना बादलों के आर पार देख सकती थी जिसकी वजह से यूक्रेनी सेना को दुश्मन के ठिकानों का पता चला। जो कि यूक्रेनी सेना के लिए काफी मददगार साबित हुआ।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top