तो दोस्तों किसान संगठन और केंद्रीय सरकार के बीच अब चौथी बैठक भी पूर्ण हो गई है। जैसा कि आप जानते हैं कि इससे पहले सरकार और किसान संगठन के बीच 3 बैठक हुई हैं जिसका कोई फायदा नहीं हुआ था। सरकार ने किसान संगठन की मांगों को पूरा नहीं किया था जिसकी वजह से किसान संगठन आए दिन प्रदर्शन करते है। और इस बार भी पंजाब के किसान ‘भारत बंद’ प्रदर्शन कर रहे थे जिसके बाद किसान संगठन और केंद्रीय सरकार की चौथे दौर की बैठक हुई है और सरकार ने इस बार किसान संगठन के सामने कुछ नए प्रस्ताव रखे हैं। आइए जानते हैं सरकार ने क्या प्रस्ताव रखे हैं।
किसानों के आंदोलन को रोकने के लिए बीते रविवार को किसान संगठन और सरकार के बीच चौथे दौर की बैठक हो गई है जिसमें बहुत ही सकारात्मक बातें हुई हैं और उन बातों से ऐसा लग रहा है कि सरकार किसान संगठन की मांगे मानने के लिए तैयार हो गई है। बैठक खत्म होने के बाद केंद्रीय मंत्री पियूष गोयल ने काफी बड़ी बड़ी बातें कहीं हैं केंद्रीय मंत्री पियूष गोयल के साथ कृषि और किसान कल्याण मंत्री अर्जुन मुंडा और ग्रह राज्य मंत्री नित्यानंद राय के एक पैनल ने दाल खरीदने की पांच साल की एक योजना का प्रस्ताव सामने रखा है। और इसके साथ ही मक्का और कपास की फसल के बारे में किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर चर्चा की गई है। आइए अब जानते हैं चार घंटे की इस बैठक के बाद पियूष गोयल ने क्या क्या बातें कहीं थीं।
तो दोस्तों हम आपको बता दें कि सरकार और किसान संगठन के बीच 4 घंटे की बैठक हुई थी और इस चार घंटे की बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री पियूष गोयल ने कहा कि चर्चा के दौरान अभिनव और आउट– ऑफ– द– बॉक्स विचार सामने आया है। उन्होंने कहा कि किसान संगठन के नेता सोमवार सुबह तक दिए गए प्रस्तावों पर निर्णय लेंगे। एनसीसीएफ (राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता महासंघ) और एनएएफईडी जैसी सहकारी समितियां किसान संगठन के साथ अनुबंध करेंगी। आइए अब जानते हैं कि सरकार ने किसान संगठन के सामने क्या क्या प्रस्ताव रखे हैं।
तो दोस्तों सरकार ने किसान संगठन के सामने जो प्रस्ताव रखे हैं वो ये है कि जो किसान अरहर दाल, उड़द दाल, मसूर दाल, या मक्का उगाते हैं, अगले पांच वर्ष तक उनकी फसल एमएसपी पर खरीदने का काम किया जाएगा। और इसके साथ ही वाणिज्य और उद्योग मंत्री ने कहा है कि खरीदी गई मात्रा पर कोई सीमा नहीं होगी। इसके लिए एक पोर्टल बनाया जाएगा। इसके साथ ही केंद्रीय मंत्री पियूष गोयल ने कहा कि यह प्रस्ताव पंजाब की खेती को बचाने का काम करेगा। जो कि भूजल स्तर में सुधार करेगा और पहले से ही संकट से ग्रस्त हुई भूमि को बंजर होने से बचाएगा। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि किसानों ने बताया है कि वे मक्के की फसल में विविधता लाने चाहते हैं , हालांकि जब फसल की कीमत एमएसपी से नीचे चली जाती है तो वे नुकसान से बचना चाहते हैं।
अब बात करते हैं कि इस चौथे दौर की हुई बैठक के बाद किसान संगठन के नेता क्या कह रहे हैं। तो दोस्तों हम आपको बता दें कि बैठक में सरकार की तरफ से जो प्रस्ताव किसानों को दिए गए हैं उस पर किसान संगठन के नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि हम लोग 19 से 20 फरवरी के बीच अपने मंचो पर चर्चा करेंगे और हमारे जो विशेषज्ञ हैं उनसे इस बारे में राय लेंगे और उसके अनुसार ही निर्णय लेंगे। सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि कर्ज़ माफी और अन्य मांगों पर चर्चा लंबित है और हमें यह उम्मीद है कि अगले दो दिनों में इसका समाधान ज़रूर हो जाएगा। उन्होंने यह भी कहा है कि ‘दिल्ली चलो अभियान’ फिलहाल तो रुका हुआ है लेकिन 21 फरवरी को सुबह 11 बजे फिर से शुरू होगा क्योंकि अभी सभी मुद्दे हाल नहीं हुए हैं। सरवन सिंह की इस बात से यह तो कन्फर्म हो गया है कि सरकार ने अभी भी किसानों की पूरी मांगे नहीं मानी हैं, अब देखना यह है कि किसान संगठन सरकार के प्रस्तावों पर क्या निर्णय लेगा।